गोपेश्वर: शीतकाल में छह महीने बंद रहने के बाद गढ़वाल हिमालय की उंची पहाड़ियों पर स्थित भगवान शिव के धाम केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिये इस वर्ष चार मई को खोल दिये जायेंगे ।
इसी के साथ उत्तराखंड के चार धाम के नाम से प्रसिद्व चारों मंदिरों के द्वार खुलने की तारीखें घोषित हो गयी हैं । इस वर्ष चारधाम यात्रा मई के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जायेगी । बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सूत्रों ने यहां बताया कि मंदिर खोले जाने का मुहूर्त आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिव के शीतकालीन प्रवास स्थल रूद्रप्रयाग जिले के उखीमठ में मंदिर समिति के पदाधिकारियों तथा धर्माधिकारियों की मौजूदगी में निकाला गया ।
सूत्रों के अनुसार, केदारनाथ मंदिर के कपाट चार मई को सुबह छह बजे श्रद्धालुओं के लिये खोले जायेंगे । इससे पहले, भगवान शिव की उत्सवयात्रा उखीमठ से 30 अप्रैल को रवाना होगी जो तीन मई की शाम केदारनाथ पहुंचेगी ।
चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ मंदिर के कपाट पांच मई को खोले जायेंगे जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट दो मई को अक्षय तृतीया के दिन खुलेंगे । गढ़वाल पहाड़ियों पर 10,000 फुट की उंचाई पर स्थित चारों धामों के कपाट हर साल अक्तूबर-नवंबर में शीतकाल के दौरान श्रद्धालुओं के लिये बंद कर दिये जाते हैं जो अगले साल अप्रैल-मई में दोबारा खोल दिये जाते हैं ।
गढ़वाल की आर्थिकी की रीढ़ मानी जाने वाली चारधाम यात्रा में छह माह के सीजन के दौरान देश विदेश से लाखों श्रद्घालु आते हैं । हालांकि गत वर्ष आयी भीषण प्राकृतिक आपदा में जनहानि होने के साथ ही बड़े स्तर पर चारधाम जाने वाले रास्ते भी प्रभावित हुए थे । इस बारे में हालांकि राज्य सरकार ने दावा किया है कि यात्रा शुरू होने से पहले ही सभी तरह की व्यवस्था कर दी जायेगी जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं होगी
इसी के साथ उत्तराखंड के चार धाम के नाम से प्रसिद्व चारों मंदिरों के द्वार खुलने की तारीखें घोषित हो गयी हैं । इस वर्ष चारधाम यात्रा मई के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जायेगी । बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सूत्रों ने यहां बताया कि मंदिर खोले जाने का मुहूर्त आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिव के शीतकालीन प्रवास स्थल रूद्रप्रयाग जिले के उखीमठ में मंदिर समिति के पदाधिकारियों तथा धर्माधिकारियों की मौजूदगी में निकाला गया ।
सूत्रों के अनुसार, केदारनाथ मंदिर के कपाट चार मई को सुबह छह बजे श्रद्धालुओं के लिये खोले जायेंगे । इससे पहले, भगवान शिव की उत्सवयात्रा उखीमठ से 30 अप्रैल को रवाना होगी जो तीन मई की शाम केदारनाथ पहुंचेगी ।
चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ मंदिर के कपाट पांच मई को खोले जायेंगे जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट दो मई को अक्षय तृतीया के दिन खुलेंगे । गढ़वाल पहाड़ियों पर 10,000 फुट की उंचाई पर स्थित चारों धामों के कपाट हर साल अक्तूबर-नवंबर में शीतकाल के दौरान श्रद्धालुओं के लिये बंद कर दिये जाते हैं जो अगले साल अप्रैल-मई में दोबारा खोल दिये जाते हैं ।
गढ़वाल की आर्थिकी की रीढ़ मानी जाने वाली चारधाम यात्रा में छह माह के सीजन के दौरान देश विदेश से लाखों श्रद्घालु आते हैं । हालांकि गत वर्ष आयी भीषण प्राकृतिक आपदा में जनहानि होने के साथ ही बड़े स्तर पर चारधाम जाने वाले रास्ते भी प्रभावित हुए थे । इस बारे में हालांकि राज्य सरकार ने दावा किया है कि यात्रा शुरू होने से पहले ही सभी तरह की व्यवस्था कर दी जायेगी जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं होगी